सुप्त वज्रासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Supta vajrasana benefits and steps in hindi
सुप्त वज्रासन के बारे में – About Supt Vajrasanaasana
“सुप्त वज्रासन” संस्कृत भाषा के तीन(सुप्त+वज्र+आसन) शब्दों से मिलकर बना है, जहां ‘सुप्त’ का अर्थ सोया हुआ, ‘वज्र’ का अर्थ कठोर या आकाश में गर्जने वाली बिजली है और ‘आसन’ का अर्थ मुद्रा है। इस आसन को करते समय आपके शरीर की स्थिति कठोर होती है और आप सोये हए होते है इसलिए इसे सुप्त वज्रासन कहते है।
सुप्त वज्रासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before Supt Vajrasana in hindi
सुप्त वज्रासन करने की विधि – Steps of Supt Vajrasana in hindi
सुप्त वज्रासन करने की विधि नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें। इससे आपको सुप्त वज्रासन करते समय आसानी होगी।यह आसन पीठ के बल लेट कर किया जाता है।
चरण 1- इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम आप अपना पैर सामने की ओर फैलाकर बैठे अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए दाएं नितम्ब के नीचे एवं बाएं पैर को बाएं नितम्ब के नीचे रखे यह वज्रासन की स्थिति है।
चरण 2- अब अपने पंजो को नितम्ब के बगल में रखें और पीछे की ओर झुकते हुए कोहनियों को जमीन पर टिकायें, कोहनियों का सहारा लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और अब अपने कंधे को जमीन पर टिकाते हुए पीठ के बल लेट जाएं
चरण 3- अब अपने हाथों को कोहनी से मोड़कर कंधे के नीचे तकिया की तरह लगाएं, सामान्य स्वांस के साथ इस मुद्रा में 30 से 40 सेकेण्ड तक रहें।
चरण4- इस मुद्रा से वापस आने के लिए अपनी कोहनी को फिर से जमीन पर टिकाये और धीरे-धीरे वज्रासन की स्थिति में बैठें।
सुप्त वज्रासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Supt Vajrasana
सुप्त वज्रासन करते समय आपको नीचे दिए गए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
- इस आसन को करते समय ध्यान दें घुटनों को जमीन पर टिका कर रखें।
- इस आसन को करते समय ध्यान दे यदि आपके पीठ में अधिक खिंचाव महसूस हो रहा है तो आप पीठ के नीचे तौलिया रख सकते है।
सुप्त वज्रासन के फायदे – Supt Vajrasana benefits in hindi
सुप्त वज्रासन के अनेक फायदे(Supt Vajrasana benefits in hindi) जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं, यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है।
- सुप्त वज्रासन करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है और कब्ज से राहत मिलती है।
- यह आसन पेट के अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है।
- इस आसन के अभ्यास से पीठ दर्द ठीक होता है।
- यह आसन करने से आपके घुटने मजबूत होते हैं।
- यह आसन प्रजनन अंग को मजबूत बनाता है।
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सुप्त वज्रासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Supt Vajrasana
नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें सुप्त वज्रासन नहीं करना चाहिए।
- घुटने या पीठ में अत्यधिक दर्द या चोट हो तो कृपया यह आसन न करें।
- यदि आपको स्लिप डिस्क की समस्या है तो कृपया यह आसन न करें।
- यदि आपके गर्दन में दर्द है तो सुप्त वज्रासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
सुप्त वज्रासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after Supt Vajrasana
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