भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि, निर्देश, और लाभ – How to do bhastrika pranayama & bhastrika pranayama benefits in hindi

bhastrika pranayama benefits in hindi

भस्त्रिका प्राणायाम के बारे में – About Bhastrika pranayam
भस्त्रिका शब्द का अर्थ है ‘धौंकनी’।भस्त्रिका एक संस्कृत भाषा है धौंकनी का प्रयोग लोहार आग दहका कर लोहे की अशुद्धियों को दूर करने के लिए करता है यह चमड़े की थैली का बना उपकरण होता है, ठीक उसी प्रकार हम छाती को धौंकनी के रूप में इस्तेमाल करते हैं भस्त्रिका प्राणायाम अंदर की अशुद्धियों व नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है और मन एवं शरीर को साफ रखता है।

भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि – How to do bhastrika pranayama

निचे दी गयी भस्त्रिका प्राणायम करने की विधि को ध्यानपूर्वक पढ़े और वैसा ही करने की कोशिस करे।

चरण 1- इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम आप सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन या सुखासन में बैठ जाएं, ध्यान दे आपकी गर्दन व रीढ़ की हड्डी एक सीध में हो।

चरण 2- अब एक मुस्कान के साथ पूरे शरीर और चेहरे को आराम दें अर्थात आपके चेहरे को कोई तनाव का भाव न हो।

चरण 3- अब अपनी आँखे बंद कर एक मुस्कान के साथ पूरे शरीर और चेहरे को आराम दें अर्थात आपके चेहरे को कोई तनाव का भाव न हो, अपने हथेलिओं को जांघो पे रखें।

चरण 4- साँस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर करें और साँस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाये हांथो को नीचे लेट समय मुट्ठी बंद करें ध्यान दें श्वास लेते एवं साँस छोड़ते समय अपनी छाती को एक धौंकनी की तरह विस्तारित और संकुचित करें।

चरण 5- इस प्रक्रिया को 10 बार या क्षमता अनुसार करें, शुरूआत में इसे धीमी गति से करें।इस प्राणायाम को पूर्ण रूप से सीखने के बाद आपको सांस की गति (स्वस्थ लोगों को)120 स्ट्रोक प्रति मिनट तक पहुंचनी चाहिए, लेकिन ध्यान दें की पूरी साँस लें और साँस छोड़ें।

इस प्राणायाम को करने के बाद सांस अपने आप रुक जाती है इसलिए साँस लेने के लिए परिश्रम न करें कुछ समय के लिए सांस को बंद रखें एवं आनंद का अनुभव करें।

भस्त्रिका प्राणायाम करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Bhastrika pranayam

भस्त्रिका प्राणायम करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखें।

  1. ध्यान दे साँस लेने व साँस छोड़ने का अनुपात बराबर हो।
  2. इस प्राणायाम को करते समय खुद को तनाव मुक्त रखें।
  3. ध्यान दें यदि आपको भस्त्रिका प्राणायम करने में तकलीफ महसूस हो रही हो तो न करें, या फिर योग प्रशिक्षक की देख रेख में करें।

भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे – Bhastrika pranayama benefits in hindi

भस्त्रिका प्राणायाम के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है और तनाव मुक्त रखता है।

  1. मन को शांत व तनाव और डिप्रेशन को कम करता करता है।
  2. भस्त्रिका करने से आपको ताजगी और फुर्ती का अनुभव होता है।
  3. यह आसन करने से हमारे मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की पूर्ति होता है।
  4. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
  5. इस प्राणायाम को करने से आपका कफ, पित्त और वात संतुलित रहता है।
  6. यह प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और उससे संबंधी विकारों को दूर करता है जैसे अस्थमा।
  7. भस्त्रिका प्राणायाम को करने से पाचन तंत्र ठीक रहता है।

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भस्त्रिका प्राणायाम के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Bhastrika pranayam

नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें भस्त्रिका प्राणायाम नहीं करना चाहिए।

  1. हृदय रोग वाले लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
  2. उच्च रक्तचाप की समस्या हो तो तो इस आसन को न करें।
  3. हालही में कोई ओप्रशन हुआ हो तो कृपया यह आसन न करें।
  4. मिर्गी के रोगी को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
  5. हर्निया की शिकायत हो तो कृपया यह प्राणायाम न करें।

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सम्बंधित आसन

    चक्रासन

    चक्रासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Steps, Instruction and (chakrasana)Urdhva dhanurasana benefits in hindi

    urdhva dhanurasana benefits in hindi

    चक्रासन के बारे में – About chakrasana

    “चक्रासन” दो शब्दों से मिलकर बना है, जहां ‘चक्र’ का अर्थ पहिया एवं ‘आसन’ का अर्थ मुद्रा से है। इस आसन को करते समय आपके शरीर की आकृति एक पहिये के समान होती है इसलिए इसे चक्रासन कहते है।इसे ऊर्ध्व धनुरासन भी कहते है, ‘उर्ध्व’ यानि ऊपर की ओर उठा हुआ ‘धनुर’ यानि धनुष।इस मुद्रा में आपका शरीर ऊपर उठे हुए धनुष के समान होता है। इसे अंग्रेजी में wheel pose कहते है।

    चक्रासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before chakrasana in hindi

    चक्रासन करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योग आसनों को करने की सलाह दी जाती है। इन आसनो को करने से आपके रीढ़ में लचीलापन आता है, तथा आपके पीठ, पेट एवं हाथो के मांसपेशियों का तापमान बढ़ता है और आपके हाथों एवं टखनों को मजबूत बनाता है , जिससे आपको चक्रासन करने में आसानी होगी।

    1. उष्ट्रासन।
    2. सर्वांगासन।
    3. सेतुबंधासन।

    चक्रासन करने की विधि – Steps of chakrasana

    चक्रासन करने की विधि नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें। इससे आपको चक्रासन करते समय आसानी होगी।यह आसन पीठ के बल लेट कर किया जाता है।चक्रासन एक कठिन आसन है इसलिए इसे सावधानी से करें।

    चरण 1- सर्वप्रथम पीठ के बल जमीन पर लेट जाएँ, अब अपने हाथों को ऊपर ले जाएं और हथेलियों को कंधे के नीचे जमीन पर ऐसे रखें की उंगलियां शरीर की तरफ हो(ऊपर दी गयी तस्वीर से सहायता लें)।पैरों को घुटने से मोड़ें और एड़ी को नितंब(buttock) के बाहरी तरफ रखें अपने पैरों के बीच इतनी जगह बनाये की वो कंधे के सीध में हो।

    चरण 2- हथेलियों और पैरों के पंजों को पुरे शरीर के भार के लिए चार बिंदुओं के रूप में जमीन पर रखते हुए, एक गहरी सांस भरें और अपने नितम्ब को ऊपर उठाते हुए शरीर के ऊपरी धड़ को भी ऊपर की ओर उठायें,अपने कोहनी व घुटने को सीधा रखें, इस स्थिति में आपके शरीर की आकृति पहिये की तरह दिखेगी।

    चरण 3- आप चाहे तो अपने पैर के उंगलियों और हथेलियों पर केवल शरीर का भार रख सकते है जिस तरह ऊपर तस्वीर में दी गयी है, इस आसन को करते समय अपने शरीर के साथ जबरदस्ती न करें जितना संभव हो उतना ही करें।

    चरण 4- सामान्य साँस ले और 30 से 40 सेकेण्ड या क्षमता अनुसान इस स्थिति को बनाये रखें।

    चरण 5- सामान्य स्थिति में आने के लिए एक-एक कर शरीर के अंगो को धीरे से निचे रखना है। साँस छोड़ते हुए अपने सिर को जमीन पर रखें उसके बाद कंधे फिर पीठ और नितम्ब को अब अपने हाथों को शरीर के बगल में फैला ले और पैरों को सीधा करें।

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    चक्रासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing chakrasana

    चक्रासन करते समय आपको नीचे दिए गए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

    1. ध्यान रहे नीचे आते समय पहले नितम्ब को नीचे न लाये।
    2. सनतुलन बनाते हुए सावधानी से सिर एवं कंधे जमीन रखें।
    3. ध्यान दे की चक्रासन करते समय आपके घुटने एवं कोहनी न मुड़े।

    चक्रासन के फायदे – Urdhva dhanurasana benefits in hindi

    चक्रासन के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , आपके चेहरे पे निखार लाता है और यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है।

    1. चक्रासन शरीर के सभी अंगों को उत्तेजित और सक्रिय करता है।
    2. आपके रीढ़ को अधिक लचीला बनाता है।
    3. यह आसन पैर, भुजाओं एवं कन्धों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
    4. इस आसन को करने से एकाग्रता बढ़ती है।
    5. थाइरॉइड के लिए यह आसन फायदेमंद है।
    6. चक्रासन मधुमेह रोग को नियंत्रित करता है।
    7. अस्थमा के लिए भी यह आसन लाभप्रद है।
    8. यह आसन आपके पाचन क्रिया में सुधार लाता है।
    9. इस आसन को करने से पेट,कमर एवं जांघ की अतिरिक्त चर्बी घटती है।

    यह भी पढ़ें: धनुरासन करने की विधि

    चक्रासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for chakrasana

    नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें चक्रासन नहीं करना चाहिए।

    1. गर्भावस्था के दौरान यह आसन न करें।
    2. हर्निया के मरीज इस आसन को नहीं करना चाहिए।
    3. उच्च राहतचाप या हृदय रोग हो तो इस आसन से बचें।
    4. यदि आपके पीठ, पेट, कलाई, गर्दन एवं कंधे में कोई चोट हो तो कृपया चक्रासन न करें।
    5. कमर में अधिक दर्द हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।

    चक्रासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after chakrasana

    1. पवनमुक्तासन।
    2. मत्स्येन्द्रासन।
    3. हलासन।

    शुरुआती लोगों के लिए चक्रासन करने का सर्वश्रेष्ठ सुझाव – Best suggested tips, chakrasana for beginners

    1. चक्रासन करने से पहले आप अन्य सरल आसन को करें जिससे रीढ़ में लचीलापन आये आपकी भुजाये व टखने मजबूत हो।
    2. यह एक कठिन आसन है इसलिए यदि आप पहली बार कर रहे तो योग प्रशिक्षक की सलाह ले फिर यह आसन करें।
    3. चक्रासन करने में सहजता न हो तो आप सेतुबंधासन करें।

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      मकरासन

      मकरासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Benefits of crocodile pose & Makarasana steps in hindi

      makarasana steps in hindi

      मकरासन के बारे में – About Makarasana

      मकरासन एक संस्कृत भाषा है, जहां ‘मकर’ का अर्थ मगरमच्छ और आसन का अर्थ मुद्रा से है। इस आसन में आप मगरमच्छ की तरह आराम की स्थिति में होते है। अंग्रेजी में इसे Crocodile pose कहते है।

      मकरासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before Makarasana

      धनुरासन करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योगासनों को कर सकते है। क्यूंकि मकरासन एक आरमदायक आसन है।

      1. उष्ट्रासन।
      2. भुजंगासन
      3. धनुरासन ।

      मकरासन करने की विधि – makarasana steps in hindi

      मकरासन करने की दो(2) विधि है जो नीचे दी गयी है, मकरासन करने से पहले ध्यानपूर्वक पढ़ें। इससे आपको मकरासन करते समय आसानी होगी।यह आसन पेट के बल लेट कर किया जाता है।

      मकरासन करने की विधि 1- Method 1 for Makarasana

      1. मकरासन पेट के बल लेटकर किया जाने वाला आसन है।
      2. अपने ऊपरी धड़ यानि छाती तक क हिस्से को ऊपर उठायें।
      3. अपने हाथों को कोहनी से मोड़ें हथेलियों को ऊपर छत की ओर करें और अपनी ठोड़ी(chin) को हथेलिओं पर रखें।
      4. अपने पैरों को एक साथ सटाकर ऐसे रखें की पैर के पंजे छत की ओर हो।
      5. साँस लेते हुए अपने दायें पैर को घुटने से जांघ की तरफ मोड़ें और साँस छोड़ते हुए उसे बाहर की फैलाएं एवं जमीं पर पैर को रखें।
      6. अब अपने बाएं पैर को इसी प्रकार मोड़ें और फैलाएं।
      7. यदि आप चाहें दोनों पैरों को एक साथ भी कर सकते है।
      8. यह प्रक्रिया 5 से 10 बार करें ।

      यदि आपको यह विधि करने में सहजता महसूस न हो तो आप निचे दी गयी दूसरी विधि कर सकते है।

      मकरासन करने की विधि 2 – Method 2 for Makarasana

      मकरासन की दूसरी विधि बहुत ही आसान है , ध्यान रहे यह विधि करते समय आप नींद में न जाएँ। जिस प्रकार शवासन पीठ के बल लेट कर करते है उसी प्रकार यह पेट के बल किया जाता है।

      1. पेट के लेट कर अपने दोनों हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए माथे के पास रखे।
      2. बाएं हथेली को दाहिनी भुजा एवं दाहिनी हथेली को बाएं भुजा पर रखें।
      3. अपने माथे को अपने हाथों पर आर्म करने दें।
      4. आपके पैरों के बिच कम से कम 1 फिट की जगह हो, इस स्थिति में दोनों पैरों की एड़ी आमने सामने(पंजे बाहर की ओर) होना चाहिए।
      5. सामान्य श्वास ले और 30 सेकंड से 60 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।

      सम्बंधित आसन : योग निद्रा।

      मकरासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Makarasana

      मकरासन करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखें।

      1. ध्यान दें मकरासन करते समय आपका प्रत्येक अंग ढीला हो।
      2. आपका शरीर आराम की स्थिति में हो।
      3. अपनी गर्दन एवं पीठ पर अधिक दबाव दें।

      मकरासन के फायदे – Makarasana Benefits in hindi

      मकरासन के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है।

      1. इस आसन को करने से कब्ज दूर होता है।
      2. पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण होता है, जिससे आपका रक्त साफ होता है।
      3. जांघ भुजाओं और कमर की मांशपेशियों को मजबूत बनता है।
      4. अस्थमा के लिए यह आसन फायदेमंद है।
      5. पीठ की निचले हिस्से में दर्द हो तो यह आसन करना चाहिए।

      यह भी पढ़ें: सूर्य नमस्कार।

      मकरासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Makarasana

      वैसे तो यह आसन किसी भी बीमारी के लोग कर सकते है, किन्तु कुछ ऐसी परिस्थिति है जिसमे यह आसन नहीं करना चाहिए जो निचे दिए गए है।

      1. यदि आपके गर्दन में चोट हो तो इस आसन को न करें।
      2. भुजाओं में दर्द हो या कोहनी में चोट हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
      3. यदि हल ही पेट का ओप्रशन हुआ हो तो मकरासन न करें।
      4. पीठ में गंभीर चोट हो तो कृपया यह आसन न करें।

      मकरासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after Makarasana

      1. शलभासन
      2. विपरीत नौकासन।

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      सम्बंधित आसन