अर्धकटी चक्रासन

अर्धकटी चक्रासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Step, Instruction and Benefits of Ardha Kati Chakrasana in hindi

अर्धकटी चक्रासन के बारे में – About Ardha Kati Chakrasana

“अर्धकटी चक्रासन” चार(अर्ध+कटी+चक्र+आसन) शब्दों से मिलकर बना है, जहां ‘अर्ध’ का अर्थ आधा, ‘कटी’ का अर्थ कमर, ‘चक्र’ का अर्थ पहिया और ‘आसन’ का अर्थ मुद्रा से है। इस आसन को करते समय आप अपने कमर से अपने शरीर को झुकाते जिससे आपके शरीर का आकार आधे पहिये के समान होता है इसलिए इसे अर्धकटी चक्रासन कहते है।

अर्धकटी चक्रासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before Ardha Kati Chakrasana

अर्धकटी चक्रासन करने से पहले आप को निचे दिए गए निम्न आसनो को करने की सलाह दी जाती है, जिससे की आप को अर्धकटी चक्रासन करने में सरलता महसूस होगी।

  1. ताड़ासन।
  2. गरुड़ासन।

अर्धकटी चक्रासन करने की विधि – Ardha Kati Chakrasana Steps

आप निचे दी गयी अर्धकटी चक्रासन करने की बिधि को ध्यानपूर्वक पढ़े और वैसा ही करने की कोशिस करे, आप इस पेज पर दी गयी पिक्चर को देखे और करे। 

चरण 1- इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम आप ताड़ासन में खड़े हो जाएं, अब साँस लेते हुए अपने दाहिने हाथ को बगल से उठाएं। जब आपका हाथ कंधे के सीधे हो तब आप अपनी हथेली को ऊपर की ओर घुमाएं , धीरे धीरे हाथ को उठाते रहे जब तक की आपकी भुजा कान को न छू ले , अब अपने हाथ को और ऊपर की तरफ खींचते हुए सीधा करें।

चरण 2- साँस छोड़ते हुए अपने कमर से धीरे धीरे बाये तरफ झुकें। ध्यान दें आपके घुटने एवं दाहिना हाथ न मुड़े।

चरण 3- सामान्य श्वास के साथ 1 से 3 मिनट या क्षमता अनुसार इस स्थिति को बनाये रखें।

चरण 4- वापस ताड़ासन में आने के लिए, सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर उठायें और धीरे-धीरे नीचे लाएं।

इस प्रक्रिया को अब बाएं हाथ से दोहराएं

अर्धकटी चक्रासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Ardha Kati Chakrasana

अर्धकटी चक्रासनअधो मुख श्वानासन करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखें।

  1. झुकते समय ध्यान दें आप आगे या पीछे न झुकें।
  2. झुकते समय ध्यान दें अपने सिर आगे या पीछे न झुकाएं।
  3. ध्यान दें आपका शरीर घुटने से न मुड़े।

अर्धकटी चक्रासन के फायदे – Benefits of Ardha Kati Chakrasana

  1. यह आसान आपके कमर के अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है।
  2. इस आसन के नियमित अभ्यास से लिवर के कार्य में सुधार आता है।
  3. इस आसन के अभ्यास से आपका पाचन क्रिया ठीक रहता है और कब्ज की शिकायत नही होती।
  4. हाथ, गर्दन, पेट एवं पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती है।

अर्धकटी चक्रासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Ardha Kati Chakrasana

नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें अर्धकटी चक्रासन नहीं करना चाहिए।

  1. स्लिप डिस्क की समस्या हो तो कृपया यह आसन न करें।
  2. यदि आपको हर्निया है तो भी यह आसन नै करना चाहिए।
  3. यदि पेट का ऑप्रेशन हुआ है तो उस दौरान आसन से बचें।

अर्धकटी चक्रासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after Ardha Kati Chakrasana

  1. पादहस्तासन
  2. अर्ध मत्स्येन्द्रासन
  3. वक्रासन।

यह भी पढ़ें: बाघ पर 10 लाइन निबंध

यदि आप अर्धकटी चक्रासन(benefits of Ardha kati chakrasana) पर लिखे गए लेख को पसंद करते हैं, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार में साझा करें।

राजकपोतासन

राजकपोतासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Steps and Rajakapotasana benefits in hindi

rajakapotasana benefits

राजकपोतासन के बारे में-About Rajkapotasana

“राजकपोतासन” यह एक संस्कृत शब्द है, राजकपोतासन(राज+कपोत+आसन)तीन शब्दों से मिलकर बना है जहाँ ‘राज’ का अर्थ राजा से, ‘कपोत’ का अर्थ कबूतर से एवं आसन का अर्थ मुद्रा से है। इस आसन में आपके शरीर का आकार ठीक उसी प्रकार दिखाई देता जिस प्रकार कबूतरों का राजा कभी-कभी अपना सीना चौड़ा किये होता हैं।

राजकपोतासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before Rajkapotasana

राजकपोतासन करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योग आसनों को करने की सलाह दी जाती है। इन आसनो को करने से आपके शरीर में लचीलापन आता है, तथा आपके शरीर के मांसपेशियों का तापमान बढ़ाता है।जिससे आपको राजकपोतासन करने में आसानी होगी।

  1. भुजंगासन।
  2. गोमुखासन।
  3. पश्चिमोत्तानासन।

राजकपोतासन करने की विधि – Rajkapotasana Steps

राजकपोतासन करने की विधि नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें। इससे आपको राजकपोतासन करते समय आसानी होगी।यह आसन बैठकर किया जाता है।

चरण 1- इस आसन को करने के लिए अपने हथेलिओं को सामने की ओर जमीन पर रखते हुए आप मार्जरी आसन की मुद्रा में आएं।

चरण 2-अब धीरे-धीरे अपने दाहिने पैर को पीछे खिसकाएं और अपने घुटने को सीधा करें ध्यान दें आपकी जांघ जमीन से लगी हो।

चरण 3-अपने बाएं नितंब को जमीन पर रखे और बायीं एड़ी को अपने दाहिने कूल्हे के सामने।

चरण 4-अपने शरीर को ऊपर खींचने की कोशिश करें और धीरे-धीरे अपने गर्दन को पीछे करते हुए कमर से अपने शरीर को पीछे मोड़ें और अपने शरीर का भार नितम्ब(hips) पर टिकाये।

चरण 5-अब अपने दाहिने पैर को घुटने से पीठ की तरफ मोड़ें और बाएं एवं दाएं दोनों हाथों को दाहिनें पंजे को पकड़ें।(ऊपर दी गयी तस्वीर से सहायता लें)। ध्यान दे इस स्थिति में आपके दोनों कोहनी छत की ओर होनी चाहिए, 1 मिनट या क्षमता अनुसार इस मुद्रा में रहें।

चरण 6- अपने दाहिने पैर को छोड़ते हुए उसे पीछे जमीन पर फैलाये और इसी प्रक्रिया को अब बाएं पैर से दोहराएं।

राजकपोतासन करने के बाद आप बालासन अवश्य करें।

राजकपोतासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Rajkapotasana

राजकपोतासन करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखें।

  1. राजकपोतासन करते समय आप अपने कमर से पीछे पीछे की शरीर को मोड़ें।
  2. मुद्रा में ध्यान दें कि आपके शरीर का भार नितम्ब(hips) पर हो न की कमर पर।
  3. ध्यान दें यदि आपको यह आसन करते समय शरीर की किसी भाग में दर्द जैसा खिचाव महसूस हो तो कृपया यह आसन न करें या योग प्रशिक्षक की सलाह लें।

राजकपोतासन के फायदे – Rajakapotasana benefits in hindi

राजकपोतासन(benefits of Rajkapotasana in hindi) के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है और तनाव मुक्त रखता है।

  1. इस आसन को करते समय आपके कूल्हे एवं पीठ में अच्छा खिचाव आता ह जिससे पीठ दर्द की समस्या से राहत मिलती है।
  2. थायराइड के लिए भी यह आसन लाभप्रद है।
  3. राजकपोतासन करने से छाती में खिंचाव आता है,मांसपेशियाँ मजबूत होती है और सीना चौड़ा होता है।
  4. इस आसन के नियमित अभ्यास से आपके कमर, पेट, जांघों, कंधों, और हाथों की मांसपेशियाँ भी मजबूत होती है।
  5. पेट के अंगों को उत्तेजित करता है जिससे पाचन क्रिया ठीक रहती है।

यह भी पढ़ें: विपरीत नौकासन

राजकपोतासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Rajkapotasana

नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें राजकपोतासन प्राणायाम नहीं करना चाहिए।

  1. हर्निया की समस्या हो तो कृपया यह आसन न करे।
  2. गर्भावस्था के दौरान इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  3. यदि आपको अल्सर है तो राजकपोतासन न करें।
  4. आँखों से सम्बंधित कोई समस्या हो तो इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  5. कमर, पैर, घुटनों या टखनों में चोट हो तो इस आसन से बचें।

राजकपोतासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after Rajkapotasana

  1. अर्ध मत्स्येन्द्रासन
  2. शशांकासन
  3. ऊर्ध्व मुख श्वानासन

शुरुआती लोगों के लिए राजकपोतासन करने का सर्वश्रेष्ठ सुझाव – Best suggested tips, Rajkapotasana for beginners

  1. इस आसन को करने की लिए आप अश्वसंचालन में आएं ।
  2. अश्वसंचालन में जो पैर आपके हथेलिओं के बीच है उसे जमीन पर रखें, इस स्थिति में आपका घुटना हथेलियों के बीच होगा ।
  3. और जो पैर पीछे है उसे जमीन पर पीछे की और खीचें इस स्थिति में आपका पिछला पैर जमीन से सटा हुआ और पंजा ऊपर की ओर होगा।
  4. अब अपने शरीर का भार नितम्बों(hips) पर देते हुए कमर एवं गर्दन को सीधी रखें इस स्थिति में आप सामने की ओर देखें।
  5. 1 मिनट या क्षमता अनुसार इस मुद्रा में रहें और फिर दूसरे पैर से इस प्रकिया को दोहराएं।

यह भी पढ़ें: List of HR Interview Questions

यदि आप राजकपोतासन(Rajakapotasana benefits and steps in hindi) पर लिखे गए लेख को पसंद करते हैं, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार में साझा करें।

कपोतासन

कपोतासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – kapotasana benefits and Steps in hindi

kapotasana benefits

कपोतासन के बारे में – About kapotasana

कपोतासन यह एक संस्कृत भाषा है जो कि दो शब्दों(कपोत+आसन) सें मिलकर बना है, जहाँ ‘कपोत’ का अर्थ कबूतर (pigeon) और ‘आसन’ का मुद्रा(pose) से है। इस मुद्रा में आपके शरीर का आकार कबूतर की तरह दिखाई देता है, इसलिए इसे कपोतासन कहते हैं। अंग्रेजी में इसे पिजन पोज़(Pigeon Pose) कहते हैं।

कपोतासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before  kapotasana

कपोतासन करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योग आसनों को करने की सलाह दी जाती है। इन आसनो को करने से आपके शरीर में लचीलापन आता है, तथा आपके पैरों एवं हाथो के मांसपेशियों का तापमान बढ़ाता है और उन्हें लचीला बनाता है , जिससे आपको कपोतासन करने में आसानी होगी।

  1. भुजंगासन
  2. मत्स्यासन
  3. गोमुखासन
  4. उष्ट्रासन
  5. उत्थित हस्त पाद अंगुष्ठासन

कपोतासन करने की विधि – kapotasana Steps

कपोतासन करने की विधि नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें। इससे आपको कपोतासन करते समय आसानी होगी।यह आसन पीठ के बल लेट कर किया जाता है।

चरण 1. इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम आप वज्रासन में बैठ जाएं।

चरण 2. अब आप अपने घुटनों पर खड़े हो जिस तरह उष्ट्रासन में करते हैं।

चरण 3. अपने हाथों को कमर पर रखें साँस लेते हुए पीछे की ओर झुके और हथेलिओं एवं सिर को ज़मीन पर रखें।(ऊपर दी गयी तस्वीर से सहायता ले सकते हैं)

चरण 4. धीरे धीरे अपने हथेलिओं से पंजों को छूने की कोशिस करें इस स्थिति में आपके साँस की गति सामान्य होगी इस मुद्रा में 2 से 4 मिनट या अपनी क्षमता अनुसार रहें।

चरण 5. धीरे धीरे हाथों का सहारा लेते हुए वज्रासन की स्थिति में वापस बैठ जाएँ।

जरूर पढ़ें: प्राणायाम

कपोतासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing kapotasana

कपोतासन करते समय आपको नीचे दिए गए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

  1. इस आसन को करते समय ध्यान दें आपके शरीर का कोई भाग अधिक तो नहीं खींच रहा।
  2. क्षमता अनुसार इसका अभ्यास करें।
  3. यदि आपको इसका अभ्यास करते समय परेशानी महसूस हो रही हो तो कृपया यह आसन न करें या योग प्रशिषक की देख रेख में करें।

कपोतासन के फायदे – Benefits of kapotasana in Hindi

कपोतासन के अनेक फायदे( kapotasana benefits in hindi) जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं, यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है।

  1. नियमित कपोतासन करने से आपका रक्तचाप(blood pressure) नियंत्रित रहता है।
  2. इस आसन को करते समय आपके पेट के अंगो का मसाज होता है जिससे की पाचन क्रिया ठीक रहती है।
  3. तनाव एवं चिंता की समस्या से राहत मिलती है।
  4. इस आसन से आपके जांघ की मांसपेशियां मजबूत होती है।
  5. प्रजनन प्रणाली के कार्य में सुधार आता है।
  6. कपोतासन को करने से सीना चौड़ा होता है।
  7. इस आसन को करने से फेफड़े मजबूत होते हैं।

यह भी पढ़ें: योग निद्रा

कपोतासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for kapotasana

नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें कपोतासन नहीं करना चाहिए।

  1. यदि आपके पैर जैसे घुटने,टखने या जांघ में एवं कमर में चोट हो तो आप इस आसन को न करें।
  2. इस आसन को योग प्रशिक्षक की सलाह से करें।
  3. यदि आप नियमित योग नहीं करते तो कृपया इस आसन को न करें।
  4. गर्भावस्था के दौरान इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

कपोतासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after kapotasana

  1. उत्थित पार्श्वकोणासन
  2. चक्रासन
  3. आनंद बालासन

यह भी पढ़ें : Night Clubs in Jaipur

यदि आप कपोतासन(kapotasana benefits पर लिखे गए लेख को पसंद करते हैं, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार में साझा करें।