कपालभाति प्राणायाम के लाभ, निर्देश, और विधि – Steps and benefits of kapalbhati pranayama in hindi
कपालभाति प्राणायाम के बारे में – About kapalbhati pranayam
हठयोग में छ क्रिया है, त्राटक, नेति, कपालभाति, धौति, नौलि, बस्ती, ये कपालभाति क्रिया है क्रिया आंतरिक अंगों को साफ करने का एक तरीका है, जो प्राणायाम के श्रेणी में भी आता है। “कपालभाति” एक संस्कृत शब्द है, कपालभाति दो शब्दों से मिलकर बना है जहाँ “कपाल” का अर्थ ललाट और “भांति” का अर्थ प्रकाश से है, इस अभ्यास को नियमित करने से ललाट चमकता है, अर्थात आंतरिक सफाई होने से मनुष्य प्रकाशवान दीखता है।
कपालभाति प्राणायाम करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before kapalbhati pranayama
कपालभाति प्राणायाम करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योग आसनों को करने की सलाह दी जाती है, यदि आप चाहे तो पहले प्राणायाम और फिर योग आसनों को सकते है।
कपालभाति प्राणायाम करने की विधि – kapalbhati pranayama instruction
निचे दी गयी कपालभाति प्राणायाम करने की विधि को ध्यानपूर्वक पढ़े और वैसा ही करने की कोशिस करे।
चरण 1- सर्वप्रथम आप किसी भी ध्यान मुद्रा जैसे की पद्मासन, सिद्धासन या सुखासन में बैठ जाएं अपने रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, और अपने हाथों को अपनी जांघ पर रखें यदि आप चाहे तो मुद्रा भी रख सकते है।
चरण 2- एक गहरी सांस अंदर की ओर भरें और सांस को छोड़ते समय अपने पेट को अंदर की तरफ खींचे।
चरण 3- अपनी क्षमता अनुसार इस प्रक्रिया को करें।
कपालभाति प्राणायाम करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing kapalbhati pranayama
कपालभाति प्राणायम करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखें।
- कपालभांति करते समय ध्यान दे जब आप साँस बाहर की छोड़ते है तब आपका पेट अंदर की ओर जाना चाहिए।
- कपालभाति करते समय ध्यान दें आपकी शरीर सीधा हो कंधे झुके न हो।
- आपके माथे या चेहरे पर कोई तनाव न हों।
- ध्यान दे कपालभाति का एक चक्र पूरा होने पर 15 से 20 बार सामान्य साँस लें।
- ध्यान दें कपालभाति में सांस छोड़ने की गति तेज होनी चाहिए।
- कपालभाति प्राणायाम खाली पेट करना चाहिए।
कपालभाति प्राणायाम के फायदे –benefits of kapalbhati pranayama in hindi
कपालभाति प्राणायाम(benefits of kapalbhati pranayama in hindi) के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है और तनाव मुक्त रखता है।
- कपालभाति नियमित करने से वजन कम होता है।
- कपालभाति करने से फेफड़े स्वस्थ रहते है।
- मधुमेह रोग के लिए यह अत्यंत लाभकारी है।
- यह प्राणायाम आपके मन को शांत रखता है।
- रक्त का परिसंचरण होता है जिससे आपके चेहरे की चमक बढ़ती है।
- छात्रों में एकाग्रता को बढ़ाता है।
- साइनस से राहत मिलता है।
यह भी पढ़ें: सूर्य नमस्कार करने की विधि, निर्देश, और लाभ
कपालभाति प्राणायाम के लिए प्रतिबंध – Restrictions for kapalbhati pranayam
नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
- गर्भावस्था एवं मासिक धर्म के दौरान इन प्राणायाम को न करें।
- कमर दर्द या स्लिप डिस्क की समस्या होने पर इस प्राणायाम को न करें।
- यदि आपको हर्निया या हालही में कोई ओप्रशन हुआ है तो कृपया कपालभाति प्राणायाम न करें।
- हृदय सम्बन्धी रोग हो तो कपालभाति न करें।
कपालभाति प्राणायाम करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after kapalbhati pranayam
- शीर्षासन।
- हलासन।
- योग निद्रा।
यह भी पढ़ें: Government Jobs in Assam
यदि आप कपालभाति प्राणायाम(Steps and benefits of kapalbhati pranayama in hindi) पर लिखे गए लेख को पसंद करते हैं, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार में साझा करें।