पवनमुक्तासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Steps, Instruction and Pawana muktasana benefits in hindi

पवनमुक्तासन के बारे में – About Pawana muktasana

पवनमुक्तासन संस्कृत भाषा के तीन(पवन+मुक्त+आसन) शब्दों से मिलकर बना है, जहाँ पवन का अर्थ हवा, मुक्त का अर्थ छोड़ना और आसन का अर्थ मुद्रा है। इसे अंग्रेजी में विंड रिलीसिंग पोज़(Wind Releasing Pose) कहते है। यह आसन आपके शरीर से अनावस्यक हवा को बाहर निकलने में मदद करता है इसलिए इसे पवनमुक्तासन कहते है।

पवनमुक्तासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before Pawana muktasana in hindi

पवनमुक्तासन करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योग आसनों को करने की सलाह दी जाती है। इन आसनो को करने से आपके शरीर में लचीलापन आता है जिससे आपको पवनमुक्तासन करने में आसानी होगी।

  1. मार्जरी आसन।
  2. बालासन

पवनमुक्तासन करने की विधि – Steps of Pawana muktasana

पवनमुक्तासन करने की विधि नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें। इससे आपको पवनमुक्तासन करते समय आसानी होगी। यह आसन पीठ के बल लेट कर किया जाता है।

चरण 1- इस आसन करने के लिए सर्वप्रथम आप पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं।

चरण 2- अब आप अपने बाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए पेट की तरफ लाएं

चरण 3- अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फसाए और मुड़े हुए पैर के घुटने के नीचे पकडे, घुटने को अपनी छाती के नजदीक लाने की कोशिश करें।

चरण 4- साँस छोड़ते हुए अपने सिर को जमीन से ऊपर उठाएं और मुड़े हुए घुटने को नाक से छूने की कोशिश करें।

चरण 5- सामान्य श्वास लें और 20 से 30 सेकंड तक इस मुद्रा को बनाये रखें।

इस प्रक्रिया को दाएं पैर के साथ दोहराएं , उसके बाद दोनों पैरों को साथ मोड़ कर पवनमुक्तासन का अभ्यास करें।

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पवनमुक्तासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Pawana muktasana

  1. ध्यान दें पवनमुक्तासन करते समय जो टांग सीधा है उसे घुटने से न मोड़ें।
  2. ध्यान दें माथे से घुटने को छूते समय आप कमर के क्षेत्र में खिंचाव महसूस करने में सक्षम हो।

पवनमुक्तासन के फायदे – Pawana muktasana benefits in hindi

पवनमुक्तासन के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है।

  1. इस आसन के अभ्यास से पाचन क्रिया ठीक रहती है।
  2. इस आसन के अभ्यास से गर्भाशय सम्बन्धी समस्याएँ दूर होती है एवं प्रजनन क्षमता बढ़ती है।
  3. इस आसन के नियमित अभ्यास से आपके आंत एवं लिवर ठीक से काम करते है।
  4. यह पेट के अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करती है।
  5. अर्थराइटिस सम्बन्धी समस्या के लिए यह आसन लाभप्रद है।

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पवनमुक्तासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Pawana muktasana

नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।

  1. अल्सर की समस्या होने पर यह आसन न करें।
  2. गर्भावस्था के दौरान इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  3. गर्दन में दर्द या चोट होने पर इस आसन का अभ्यास न करें।
  4. यदि हृदय सम्बंधित रोग है तो कृपया यह आसन न करें।
  5. पीठ या कमर में अत्यधिक दर्द होने पर भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  6. हर्निया के रोगी को भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  7. साइटिका की समस्या हो तो इस आसन को न करें।

पवनमुक्तासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after Pawana muktasana

  1. शवासन।

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