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अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Anulom vilom ke fayde in hindi

anulom vilom ke fayde in hindi

अनुलोम विलोम प्राणायाम के बारे में – About Anulom vilom pranayam

“अनुलोम विलोम प्राणायाम” एक संस्कृत शब्द है, जहाँ अनुलोम का अर्थ सीधा से(दाईं नासिका ) और विलोम का अर्थ उलटा(बाईं नासिका) से एवं प्राणायाम का अर्थ सांस लेने और सांस छोड़ने की प्रक्रिया से हैं। इस प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहते है।”नाड़ी शोधन” एक संस्कृत शब्द है जहाँ ‘नाड़ी’ का अर्थ मार्ग, और ‘शोधन’ शब्द का अर्थ शुद्ध से है हमारे शरीर में 72 हजार नाड़ियाँ है, जिनमे 3 प्रमुख नाड़ियाँ हैं – इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ी। नाड़ी शोधन प्राणायाम करने से आपके शरीर की 72 नाड़ीयां शुद्ध होती है जिससे हमें ऊर्जा मिलती है। अंग्रेजी में इसे Balancing Pranayama कहते है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की विधि – Anulom vilom pranayama instruction

निचे दी गयी अनुलोम विलोम प्राणायम करने की विधि को ध्यानपूर्वक पढ़े और वैसा ही करने की कोशिस करे।

चरण 1- सर्वप्रथम आप किसी भी ध्यान मुद्रा जैसे की वज्रासन, पद्मासन, सिद्धासन या सुखासन में बैठ जाएं और नासिका मुद्रा बना लें अपने बाएं हाथ को अपनी जांघ पर रखें।

चरण 2- अब आप अपने दाहिने अंगूठे से दाहिने नथुने को बंद करें और बाएं नथुने के माध्यम से पूरी तरह से साँस छोड़ें, फिर उसी बाएं नथुने के माध्यम से धीरे-धीरे गहरी श्वास लें।

चरण 3-अपनी नासिका मुद्रा की अनामिका अंगुली और छोटी अंगुली के साथ बायीं नासिका को बंद करें एवं दायीं नासिका को छोड़ें, अब दाहिनी नासिका से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।

चरण 4-अब आप दाएं नासिका से धीरे-धीरे गहरी श्वास लें, उसके बाद दाएं नथुने को बंद करें और बाएं नथुने के माध्यम से धीरे-धीरे पूरी तरह साँस छोड़ें।यह नाड़ी शोधन प्राणायाम का एक दौर है।

इस अभ्यास को इसी तरह 5 से 7 बार या क्षमता अनुसार दोहराएं।

अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Anulom vilom pranayama

अनुलोम विलोम प्राणायम करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखें।

  1. ध्यान दें इस प्राणायम का अभ्यास करते समय यदि आपको सिरदर्द, भारीपन, बेचैनी आदि का अनुभव होता है, तो इसका मतलब है कि आप फेफड़ों पर अधिक दबाव डाल रहे हैं।
  2. ध्यान दे प्राणायाम को करते का अभ्यास करते समय आपको ऊर्जा का अनुभव।
  3. साँस लेने या साँस छोड़ने पर अधिक जोर न दें।
  4. प्राणायाम करने में सहजता महसूस न हो तो कृपया योग प्रशिक्षण की सलाह लें।
  5. ध्यान दें प्राणायाम करते समय कभी भी मुँह से साँस न लें।

अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे – Anulom vilom ke fayde in hindi

अनुलोम विलोम प्राणायाम(Anulom vilom ke fayde in hindi) के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है और तनाव मुक्त रखता है।

  1. यह प्राणायाम आपके शरीर के तापमान को बनाए रखता है।
  2. यह प्राणायाम आपके तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
  3. यह श्वसन संबंधी विकारों जैसे अस्थमा, नाक की एलर्जी, ब्रोंकाइटिस आदि में फायदेमंद है।
  4. इस प्राणायाम को करने से नासिका मार्ग की सफाई के अलावा दोनों नासिका छिद्रों के बीच संतुलन बना रहता है।
  5. यह जीवन के ऊर्जा को बढ़ाता है।
  6. इस प्राणायाम को करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
  7. नाड़ी शोधन प्राणायाम करने से पाचन क्रिया ठीक रहता जिससे आपका भूख बढ़ाता है।
  8. विचार और एकाग्रता की स्पष्टता को प्रेरित करता है।

यह भी पढ़ें: विपरीत नौकासन

अनुलोम विलोम प्राणायाम के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Nadi shodhan pranayam

नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें अनुलोम विलोम प्राणायाम नहीं करना चाहिए।

  1. ह्रदय संबन्धी रोग हो तो यह प्राणायाम न करें।
  2. ब्लड प्रेसर की शिकायत हो तो तो कृपया नाड़ी शोधन प्राणायाम न करें।

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