पादहस्तासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Step, Instruction, and Benefits of Padahastasana(Uttanasana) in Hindi
पादहस्तासन के बारे में – About Padahastasana
पादहस्तासन संस्कृत भाषा के दो शब्दों (पाद + हस्त) से मिलकर बना है। ’पाद’ का मतलब पैर और ‘हस्त’ का मतलब हाथ होता है। पादहस्तासन वो योगासन है, जिसमें आप अपने हाँथो को पैरों तक ले जाते हैं । इसीलिए इसे पादहस्तासन कहते हैं, इस आसन को उत्तानासन के नाम से भी जाना जाता है ।इंग्लिश में स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड एवं बिग टो पोज़ कहते हैं ।
पादहस्तासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before Padahastasana
पादहस्तासन करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योग आसनों को करने की सलाह दी जाती है। इन आसनो को करने से आपके शरीर में लचीलापन आता है, तथा आपके शरीर के मांसपेशियों का तापमान को बढ़ाता।जिससे शरीर में जर्क आने की संभावना नहीं रहती है।
- सूक्ष्म व्यायाम करें।
- सूर्यनमस्कार २ से ४ बार।
- पश्चिमोत्तानासन।
पादहस्तासन करने की विधि – Padahastasana Steps
पादहस्तासन करने की विधि नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें।
इससे आपको पादहस्तासन करते समय आसानी होगी।
चरण 1 – पैरों के बीच २ इंच की दुरी बनाकर सीधे खड़े हो जाएं।
चरण 2 – धीरे-धीरे श्वास लें और हाथों को सीधा रखते हुए ऊपर उठाएं।
चरण 3 – साँस लेना जारी रखें और जब तक बाइसेप्स कानों को स्पर्श न करें तब तक हाथों को ऊपर की ओर खींचे। हथेलियों को आगे की ओर करें।
चरण 4 – कमर से शरीर को ऊपर उठाएं।
चरण 5– पीठ के निचले हिस्से को सीधा रखते हुए। साँस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपनी हथेली को ज़मीन के समानांतर रखें। एक क्षैतिज विमान और श्वास पर कंधों को बाहर निकालें।
चरण 6 – साँस छोड़ते हुए तब तक आगे की ओर झुंके जब तब पूरी हथेली आराम से ज़मीन पर नहीं टिकती और नाक घुंटनों को नहीं छूती।
चरण 7 – एक अच्छा खिंचाव दें सहज महसूस करें और अपने आप को तनाव न दें।
चरण 8 – लगभग 2-3 मिनट के लिए इस अंतिम मुद्रा को बनाए रखें।
चरण 9 – साँस लेते हुए धीरे-धीरे खड़े मुद्रा में लौट आएं।
पादहस्तासन के संबंधित लेख जरूर पढ़ें: उत्थित त्रिकोणासन करने का तरीका और फायदे
पादहस्तासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Padahastasana
पादहस्तासन करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखें।
- कभी भी अपने घुटनों को मोड़ें नहीं।
- गर्दन को तब तक ऊपर रखें जब तक कि कूल्हे और कमर भर न हो जाएं, और फिर ठोड़ी को घुटनों तक छूने के लिए गर्दन को स्वतंत्र रूप से रखें।
- ध्यान रखें की ऊपर आते समय भुजाएं और सिर दोनों साथ ऊपर की ओर आये।
पादहस्तासन के फायदे – Benefits of Padahastasana
पादहस्तासन के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिये गए हैं ।यह आसन करने से आपका शरीर स्वस्थ और मन शांत रहता है।
- रीढ़ को लचीला बनाता है।
- कब्ज और मासिक धर्म की समस्याओं को रोकने के लिए।
- जांघों को मजबूत करता है।
- पाचन में सुधार करता है।
- सिर क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।
- डिप्रेशन को कम करता है।
- सिर की पीड़ा, नींद न आना इन सब रोगों से छुटकारा दिलाता है।
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पादहस्तासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Padahastasana
नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें पादहस्तासन नहीं करना चाहिए।
- सिर चकराना, उच्च रक्तचाप वाले लोग इस आसन को न करें।
- गर्भावस्था के दौरान इस आसन को न करें।
- स्पोंडिलोसिस और डिस्क वाले लोग इस आसन को न करें।
पादहस्तासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after Padahastasana
- प्रसारित पादोत्तानासन।
- त्रिकोणासन।
- योग निद्रा।
शुरुआती लोगों के लिए पादहस्तासन करने का सर्वश्रेष्ठ सुझाव – Best suggested tips, Padahastasna for beginners
अगर आप योगा नियमित नहीं करते तो आपके शरीर के कई हिस्से ठीक तरह से काम नहीं करते हैं ,जिससे आपको कोई आसन करने में तकलीफ महसूस होती है। इसलिए आपको सरल तरीके से आसन करना चाहिए , इससे आपको सहजता महसूस होगी। पादहस्तासन करने का सरल तरीका निचे दिया गया है।
- ताड़ासन में अपने पैरों को फैला कर खड़े हो जाएं।
- अपने कूल्हे से आगे की ओर झुकने की कोशिश करें ।
- अपनी कोहनी को इंटरलॉक करें और अपने गर्दन एवं कंधे से ध्यान हटाएँ।
- पीठ के निचले हिस्से और अपने शरीर को दाँये से बाँये की ओर ,बाँये से दाँये की ओर ले जाये।
- इस अभ्यास को 3 से 5 बार दोहराएं।
- एक अच्छा खिंचाव दें सहज महसूस करें और अपने आप को तनाव न दें।
- साँस लेते हुए धीरे-धीरे खड़े मुद्रा में लौट आएं।
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Perfectly explained , thank you