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सर्वांगासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Steps, Instruction and Sarvangasana benefits in hindi
सर्वांगासन के बारे में – About sarvangasana
“सर्वांगासन” यह एक संस्कृत भाषा है, सर्वांगासन(सर्व+अंग+आसन)तीन शब्दों से मिलकर बना है जहाँ ‘सर्व’ का अर्थ सभी या सम्पूर्ण से, ‘अंग’ का अर्थ शरीर का भाग से एवं आसन का अर्थ मुद्रा से है ,इसे सालम्बा सर्वांगासन भी कहते है , सालम्बा दो शब्दों(सा+अलम्बा) से मिलकर बना है जहां ‘सा’ अर्थ साथ और ‘अलम्बा’ का अर्थ सहयोग से है। यानि सभी अंगो का आसन क्यूंकि यह आसन आपके सभी अंगो को प्रभावित करता है। इस आसन को आसनों की माँ या रानी कहा जाता है।अंग्रेजी में इसे Supported Shoulderstand कहते है।
सर्वांगासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before sarvangasana
सर्वांगासन करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योग आसनों को करने की सलाह दी जाती है। इन आसनो को करने से आपके रीढ़ में लचीलापन आता है, तथा आपके पीठ, पेट एवं हाथो एवं गर्दन के मांसपेशियों का तापमान बढ़ता है और उन्हें मजबूत बनाता है , जिससे आपको सर्वांगासन करने में आसानी होगी।
- सूर्य नमस्कार।
- उष्ट्रासन।
- चक्रासन।
- आनंद बालासन।
सर्वांगासन करने की विधि – Steps of sarvangasana
सर्वांगासन करने की विधि नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें। इससे आपको सर्वांगासन करते समय आसानी होगी।यह आसन पीठ के बल लेट कर किया जाता है। सर्वांगासन एक कठिन आसन है इसलिए इसे सावधानी से करें।
चरण 1- सर्वपथम पीठ के बल जमीन पर लेट जायें पैरों को सीधा रखें और हाथ को शरीर के बगल में अब साँस लेते हुए अपने दोनों पैरों को बिना घुटना मोडे 90 डिग्री पर लाएं।
चरण 2- अब अपने हथेलिओं को नितम्ब के पास रखें और साँस छोड़ते हुए, सिर को उठाए बिना, नितंबों और धड़ को ऊपर उठाएं, जब तक ठुड्डी गर्दन के खोखले में सेट न हो जाये। कोहनी को आराम से जमीन पर टिकाये रखें और दोनों हथेलियों से जमीन पर दबाव बनाएं इस स्थिति में जमीन के समानांतर(अर्ध हलासन) पैरों को बनाए रखें।
चरण 3- अब अपने हाथो को कोहनी से मोड़ें और हथेलिओं से कमर को सहारा दें(ऊपर दी गई तस्वीर से सहायता लें), श्वास लें और शरीर को सीधा रखते हुए पैरों को ऊपर उठाएं इस स्थिति में आपका कंधा एवं सिर जमीन पर होगा।
चरण 4- सामान्य साँस ले और 1 से 2 मिनट या क्षमता अनुसार इस मुद्रा को बनाये रखें ध्यान दे आपके पीठ से पैर तक का हिस्सा एक सीध में हो।
चरण 5- धीरे धीरे अपनी पीठ और नितम्ब को जमीन पर रखें अब अपने हाथों हो जमीन पर रखते हुए दोनों पैरों को एक साथ जमीन पर रखें और शवासन की स्थिति में आराम करें।
सर्वांगासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing sarvangasana
सर्वांगासन करते समय आपको नीचे दिए गए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
- आपका पैर बिल्कुल सीधा हो।
- क्षमता अनुसार इस आसन को करें।
सर्वांगासन के फायदे – Sarvangasana benefits in hindi
सर्वांगासन के अनेक फायदे(Sarvangasana benefits in hindi) जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , आपके चेहरे पे निखार लाता है, झुर्रियों को कम करता है, और यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है।महिलाओं को यह आसन अवश्य करना चाहिए।
- यह प्रजनन अंग को मजबूत बनाता है एवं मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में उपयोगी है।
- थायरॉयड के लिए यह आसन लाभप्रद है।
- सर्वांगासन में आपका रक्त प्रवाह ऊपर की ओर होता है जिससे आपके चेहरे की चमक बढ़ती है और बालों का झड़ना भी कम होता है।
- यदि आपको अस्थमा की शिकायत है तो आपको सर्वांगासन करना चाहिए।
- याददाश्त एवं एकाग्रता को बढ़ाता है।
- यह आसन करने से तनाव दूर होता है।
- इस आसन को करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है और पाचन क्रिया ठीक रहता है।
- कंधे एवं पीठ मजबूत होते है, यह आसन करने से बच्चों की लम्बाई भी बढ़ती है।
- वैरिकाज – वेंस, बवासीर और हर्निया जैसे विकारों में यह आसन उपयोगी है।
- सर्वांगासन करने से अनिद्रा जैसी समस्या दूर होती है।
- इस आसन को करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।
- मोटापा कम होता है और कोर की ताकत को बढ़ाता है।
सर्वांगासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for sarvangasana
नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें सर्वांगासन नहीं करना चाहिए।
- गर्दन संबंधी (स्पोंडिलोसिस) हो तो यह आसन न करें।
- यदि आपको निचली कमर में दर्द है तो आपको यह आसन नहीं करना चाहिए।
- उच्च रक्तचाप वाले लोग इस आसन से बचें।
- गर्वावस्था के दौरान कृपया सर्वांगासन न करें।
सर्वांगासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after sarvangasana
- मत्स्यासन।
- हलासन।
- शीर्षासन।
शुरुआती लोगों के लिए सर्वांगासन करने का सर्वश्रेष्ठ सुझाव – Best suggested tips, sarvangasana for beginners
- इस आसन को करने के लिए दिवार की सहायता ले सकते है।
- कठिन आसनों को करने से पहले आप सरल आसनों का अभ्यास करें।
- कठिन आसनों को करने से पहले योग प्रशिक्षक की सलाह ले।
नियमित योगाभ्यास करने से आपका शरीर मजबूत एवं हड्डियां लचीली होती है जिससे आसनों को करने में सहजता महसूस होती है।
यह भी पढ़ें: Quantitative aptitude
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