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आनंद बालासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Steps, Instruction and (Anand Balasana)happy baby pose benefits in hindi

आनंद बालासन के बारे में – About Anand Balasana
“आनंद बालासन” तीन शब्दों(आनंद+बाल+आसन) से मिलकर बना है, जहां आनंद यानि आनंदित या ख़ुशी से बाल यानि बालक, बच्चा या शिशु से आसन यानि मुद्रा से है।इस आसन को करते समय आप बिकुल उसी तरह होते है जिस प्राकर एक बच्चा अपने पैरों को ऊपर करके खेलता है।अंग्रेजी में इसे Happy Baby Pose कहते है। इस आसन में आनंद का अनुभव करते है आपका मन बिल्कुल एक शिशु के समान होता है।
आनंद बालासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before Anand Balasana
आनंद बालासन करने से पहले नीचे दिए गए निम्न योग आसनों को करने की सलाह दी जाती है।
- पादहस्तासन।
- पश्चिमोत्तानासन।
- शशांकासन।
आनंद बालासन करने की विधि – Steps of Anand Balasana
आनंद बालासन करने की विधि नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें। इससे आपको आनंद बालासन करते समय आसानी होगी। यह आसन पीठ के बल लेट कर किया जाता है।
चरण 1- सर्वप्रथम आप जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं, अपने पैरों को एक साथ बिल्कुल सीधा रखें अब साँस लेते हुए अपने पैरों को घुटने से मोड़ें।
चरण 2- साँस छोड़ते हुए अपने पैरों को पेट की तरफ मोड़ें इस स्थिति में आपकी जांघे पेट पर होंगी, अब अपने घुटने को पेट पर ही रहने दें और पैरों को ऊपर उठाएं पंजे ऊपर छत की ओर करें।
चरण 3- अब अपने घुटनो को इतना फैलाये की वो आपकी छाती के बगल में हो, अपने हाथो से पैर के पंजे या अंगूठे को पकड़ें, इस स्थिति में आपके पैर का आकर “L” की तरह होना चाहिए(ऊपर दी गयी तस्वीर में देखें)।
चरण 4- सामान्य साँस ले और इस मुद्रा को 40 से 50 सेकेण्ड तक बनाये रखें।
चरण 5- अपने हाथो को हटाएँ, अपने घुटनो को मोड़ते हुए पैरों को जमीन पर रखें, अब अपने दोनों पैरों को सीधा कर ले और आराम करें।
और पढ़ें: बालासन करने की विधि
आनंद बालासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Anand Balasana
आनंद बालासन करते समय आपको नीचे दिए गए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
- आसन करते समय ध्यान दें आपकी रीढ़ जमीन से सटी हुई हो।
आनंद बालासन के फायदे – (Anand Balasana)happy baby pose benefits in hindi
आनंद बालासन के अनेक फायदे(happy baby pose benefits) जो नीचे निम्नलिखित दिए गए हैं , यह आपके शरीर के कई अंगो को प्रभावित करता है और शरीर को सुडौल बनाता है।
- यह आसन करने से आपके कूल्हे के मांसपेशियों में खिंचाव आता है और उन्हें सुडौल बनाता है।
- आनंद बालासन करने से तनाव दूर होता है, आपका मन शांत रहता है।
- यह आसन पीठ व कमर के दर्द को भी कम करता है।
- पाचन क्रिया में सुधार एवं कब्ज को दूर करने में यह आसन सहायक है।
- जांघों के अतिरिक्त चर्बी को कम करता है।
- बवासीर एवं लिकोरिया जैसी समस्याओं को दूर करता है।
- हृदय गति( हार्ट रेट ) को कम करता है।
- आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
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आनंद बालासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Anand Balasana
नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें आनंद बालासन नहीं करना चाहिए।
- उच्च रक्तचाप हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान कृपया यह आसन न करें।
- पीठ, घुटने या गर्दन में चोट हो तो भी यह आसन आपको नहीं करना चाहिए।
- हर्निया है तो इस आसन को न करें।
आनंद बालासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after Anand Balasana
- मत्स्येन्द्रासन।
- मर्कटासन।
- चक्रासन।
शुरुआती लोगों के लिए आनंद बालासन करने का सर्वश्रेष्ठ सुझाव – Best suggested tips, Anand Balasana for beginners
अगर आप योगा नियमित नहीं करते हैं तो आपके शरीर के कई अंग ठीक तरह से काम नहीं करते हैं ,जिससे आपको कोई आसन करने में तकलीफ महसूस हो सकती है। इसलिए आपको सरल तरीके से आसन करना चाहिए , इससे आपको सहजता महसूस होगी। आनंद बालासन करने का सरल तरीका निचे दिया गया है।
- शवासन की स्थिति में पीठ के बल जमीन पर लेट जाएँ।
- अपने दोनों पैरों को घुटने से मोड़ें और पंजे को नितम्ब के पास रखेँ।
- अब एक एक कर अपने पैरों को पेट की तरफ लाएं और पैरों को ऊपर उठायें(ऊपर दी गयी तस्वीर से सहायता लें)।
- अब अपने पैर के अंगूठे को पकडे यदि आपको सहजता महसूस न हो तो आप जांघों को पकड़ सकते है या हाथों को जमीं पर ही रखें।
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