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शशांकासन करने की विधि, निर्देश, और लाभ – Steps, Instruction and Benefits of Shashankasana in hindi

Benefits of Shashankasana

शशांकासन के बारे में – About Shashankasana

शशांकासन ‘शशांक’ एक संस्कृत भाषा है, हिंदी में जिसका अर्थ खरगोश होता है। इस आसन में आपके शरीर का आकार खरगोश की तरह होता है इसलिए इसे शशांकासन कहते है। अंग्रेजी में इसे Hare Pose कहते हैं।

शशांकासन करने से पहले यह आसन करें – Do these asana before Shashankasana

शशांकासन करने से पहले जो आसन करना चाहिए उनकी सूचि नीचे दी गयी है।

  1. सूक्ष्म व्यायाम करें।
  2. वज्रासन।

शशांकासन करने की विधि – Shashankasana Steps

शशांकासन करने की 2 विधि होती है जो नीचे दी गयी है, जिसे ध्यानपूर्वक करने से पहले पढ़ें। इससे आपको शशांकासन करते समय आसानी होगी।

शशांकासन करने की विधि 1 – Method 1 for Shashankasana 

  1. शशांकासन बैठ कर किया जाने वाला आसन है।
  2. सर्वप्रथम आप वज्रासन में बैठ जाएँ, और साँस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर करें, आपका हाथ सिर के ऊपर सीधा होना चाहिए।
  3. धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपने माथे,नाक और अपनी हथेलियों से कोहनी तक के हिस्से को जमीन पर आराम से रखे।
  4. इस स्थिति में 1 मिनट या क्षमता अनुसार रुके और सामान्य रूप से श्वाँस ले।
  5. अब आप साँस लेते हुए पहले सिर उठाये और ऊपर आते हुए वज्रासन में बैठ जाएँ।
  6. अपनी क्षमता अनुसार इस प्रक्रिया को 5 से 10 बार दोहराएं।

शशांकासन करने की विधि 2 – Method 2 for Shashankasana 

  1. वज्रासन में बैठ जाएँ।
  2. हाथों को पीठ के पीछे ले जाएं, दाईं हथेली की मुट्ठी बनाएं और बाईं हथेली से दाईं कलाई को पकड़ें।
  3. कंधे को ढीला रखें।
  4. साँस लेते हुए कमर से थोड़ा पीछे की ओर झुकें, आपकी छाती खुली होनी चाहिए।
  5. साँस छोड़ते समय, धीरे-धीरे कमर से आगे की ओर झुकें और माथे को घुटनों के सामने जमीन पर रखे।
  6. इस स्थिति में 1 मिनट या क्षमता अनुसार रुके और सामान्य रूप से श्वाँस ले।
  7. साँस लेते हुए धीरे-धीरे वज्रासन स्थिति में आए।

शशांकासन के संबंधित लेख जरूर पढ़ें: सूर्य नमस्कार

शशांकासन करते समय ध्यान दें – Pay Attention when doing Shashankasana

  1. ध्यान दें शंकासन में आपके दोनों पैरों के अंगूठे सटे हुए हो।
  2. आगे झुकते समय आपका नितम्ब आपके एड़ियों पर होना चाहिए।
  3. ध्यान दे विधि 1आगे झुकते समय और ऊपर आते समय आपके हाथ और सिर एकसाथ हो।
  4. विधि 2 में आगे झुकते समय पहले अपनी छाती को जांघों पर रखे और सिर को जमीन पे।

शशांकासन के फायदे – Benefits of Shashankasana in hindi

शशांकासन के अनेक फायदे जो नीचे निम्नलिखित दिये गए हैं ।यह आसन करने से आपका शरीर स्वस्थ और लचीला रहता है।

  1. शशांकासन एक ऐसा आसन है जिसको करने से सिर में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, मस्तिष्क को उत्तेजित करता है।
  2. रीढ़, एड़ियों और घुटने में लचीलापन आता है।
  3. सांस संबंधी की बीमारियों के लिए यह एक अच्छा आसन है।
  4. यह आसन करने से आपको कब्ज से राहत मिलती है।
  5. शशांकासन नियमित रूप से करने पर पेट की चर्बी घटती है।

और पढ़े: योग निद्रा

शशांकासन के लिए प्रतिबंध – Restrictions for Shashankasana

नीचे बीमारियों की सूची दी गई है, जो लोग इन बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें शशांकासन नहीं करना चाहिए।

  1. गैस्ट्रिटिस और अल्सर के रोगी इस आसन को न करें।
  2. घुटने में गठिया की शिकायत हो या कोई ऑपरेशन हुआ हो तो शशांकासन नहीं करना चाहिए।
  3. गर्भावस्था के दौरान इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  4. यदि आपको उच्च रक्तचाप(high blood pressure) है तो इस आसन को न न करें।
  5. जिन्हे चक्कर आता हो या स्लिप डिस्क हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
  6. यदि आपको हर्निया हो तो शशांकासन नहीं करना चाहिए।

शशांकासन करने के बाद यह आसन करें – Do these asana after Shashankasana

  1. उष्ट्रासन
  2. वक्रासन।
  3. अर्ध मत्स्येन्द्रासन।

शुरुआती लोगों के लिए शशांकासन करने का सर्वश्रेष्ठ सुझाव – Best suggested tips, Shashankasana for beginners

अगर आप योगा नियमित नहीं करते तो आपके शरीर के कई हिस्से ठीक तरह से काम नहीं करते हैं ,जिससे आपको कोई आसन करने में तकलीफ महसूस हो सकती है। इसलिए आपको सरल तरीके से आसन करना चाहिए , इससे आपको सहजता महसूस होगी। शशांकासन करने का सरल तरीका निचे दिया गया है।

  1. वज्रासन में बैठ जाए।
  2. यदि आपको दोनों पैर साथ रखने में तकलीफ हो तो अपने पैरों के बीच थोड़ी जगह बना कर बैठ सकते है।
  3. साँस लेते हुए अपने हाथों को सिर के ऊपर सीधा करें।
  4. धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपने माथे को जमीन रखें यदि आप जमीन पर नहीं रख सकते तो आगे तकिया रखें जिससे आपको आसानी होगी अब अपनी हथेलियों से कोहनी तक के हिस्से को जमीन पर आराम से रखे।
  5. इस स्थिति में क्षमता अनुसार या 20 से 30 सेकेण्ड रुके, सामान्य रूप से श्वाँस ले अब आप साँस लेते हुए धीरे-धीरे वज्रासन स्थिति में आए।

यह भी पढ़ें: Temples of Jaipur

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